Friday, August 20, 2010

About the world's extreme power

शुरुआत  करते हैं रावण से ,आप लोग सोच रहे होंगे की मैंने रावण को अपना  आदर्श क्यों चुना तो सबसे पहले मै यह बताना चाहूँगा की वो संसार का सबसे बड़ा ज्ञानी पुरुष था ,यहाँ तक की मरने के पहले श्री राम ने लछमन  से कहा था की जाओ और रावण के चरणों के पास खड़े होकर राजनीती शास्त्र की शिक्षा ग्रहण करो,दुसरे यह की रावन ने भले ही सीता का अपहरण किया हो लेकिन उसने कभी सीता के साथ जबरदस्ती नहीं की भले ही उसको कई तरह से डराया ,धमकाया लेकिन कभी अकेलेपन का फायदा नहीं उठाया,पर क्या केवल इतने के ही लिए उसके पुतले को हर साल जलाया जाता है,क्या उसका ये अपराध इतना बड़ा था की उसको हर साल जलाने की जरुरत पड़ती है,अगर ऐसा है तो आज न जाने कितनी ही लड़कियों की इज्जत लूट जाती है,कितनो ही लड़कियों को शरीर बेचने के लिए मजबूर  किया जाता है, कितनी बहुओं को दहेज़ के लिया जला दिया जाता है,तो क्या आज समाज के ये रावन उस रावण से कम हैं,क्या इनको नहीं जलाना चाहिए,और अगर सबको जलाने के लिए सूची बने तो शायद हम बूढ़े हो जाएँगे,अब फैसला करना है की रामायण का रावण आज के रावणों की तुलना में कितना बुरा था या अच्छा था.

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