बहरहाल जो भी हो बहुत ही नाटकीय ढंग से सरकार तो बच ही गई है और अब परमाणु करार भी हो जाएगा किंतु सवाल ये उठता है की क्या देश का कुछ भला भी होगा अथवा ये भी सरकार और सरकारियों की जेबे भरेगा। वैसे अमेरिका की चमचागिरी करने का कुछ न कुछ फायदा तो सरकारियो को होगा ही सबसे मजेदार समीकरण तो समाजवादी पार्टी के गृह प्रदेश उत्तर प्रदेश में देखने को मिलेंगे जहा दो चिर प्रतिद्वंदी आमने सामने आ गए हैं केन्द्र की सत्ता की हनक लिए समाजवादी पार्टी व प्रदेश की सत्ता पर बहुमत से अपना कब्ज़ा ज़माने वाली ब० स० पा० जो की अब वाम दलों के साथ दिखाई दे रही है। आरोपों प्रत्यारोपों का एक नया दौर प्रारम्भ होने जा रहा है। सत्ता की इस लड़ाई में जीत किसकी होगी ये तो महज़ वक़्त की बात है मगर हारना तो जनतंत्र को ही पड़ेगा ये भी तय है।
जो भी हो इस चक्की में अंत में पिसना जनता को ही पड़ता है सरकार किसी की भी आए जनता ही मारी जाती है कभी आतंकवादियो द्वारा तो कभी महंगाई द्वारा। परमाणु करार होना बहुत ज़रूरी है चाहे इसके लिए महंगाई आम आदमी की कमर क्यों न तोड़ दे।
आपकी अमूल्य राय की प्रतीक्षा में
इमरान अहमद 'अजनबी'
जय हिंद
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