प्रिय मित्रों इस बार आपका ध्यान अलीगढ़ और आगरा कि ओर दिलाना चाहूँगा किसानो ने आन्दोलन शुरू कर दिया है राज्य सरकार और किसान नेता आमने सामने हैं और संघर्ष अपने चरम पर है अखबारों कि सुर्ख़ियों में प्रतिदिन ये ही ख़बरें देखने को मिल रही हैं मैं पूछना चाहता हूँ कि क्या भारत ऐसे ही विकसित होगा ? जिस देश में किसान और मजदूर संतुष्ट नहीं हो वो देश कभी विकसित हो ही नहीं सकता सरकारें आती जाती रहती हैं और विकास के खोखले दावों के बीच सच्चाई के धरातल पर केवल लुटती हुई इंसानियत और भूख और गरीबी से मरते हुए इंसानों कि आत्माएं PCI (प्रति व्यक्ति आय) और GDP (सकल घरेलू उत्पाद) के धोखे से भरे आकड़ों से तृप्त कि जाती रहती हैं। कल एक गाँव में पुलिस ने किसानो को घरों से निकल निकल कर पीटा यही तो हमारे विकसित होने की निशानी है इससे पहले नंदीग्राम और सिंगुर की घटना में जिन पार्टियों ने जो हाय तौबा मचाई आज वही इस मसले पर चुप चाप बैठी हैं राजनीति का खेल अपने चरम पर है किसानों की चिंता किसे है सभी अपनी अपनी रोटियां सेकना चाहते हैं।
हाल ही में मेरी कुछ नौजवानों से चर्चा हुई वो देश की तरक्की से बेहद संतुष्ट हैं और देश को सुपर पॉवर मानते हैं मेरी उनसे विनती है की वो अपनी वातानुकूलित कमरों से बहार आयें और ग्रामीण इलाकों में जा कर करीब से लोगों की हालत देखें तब उनकी समझ में आयेगा की सच्चाई क्या है और उन्हें क्या दिखाया सुनाया जा रहा है दोस्तों ये देश तब तक विकसित नहीं हो सकता जब तक यहाँ के सिस्टम को सिरे से नहीं बदला जाता
धोखे के लोकतंत्र से सर्वहारा की तानाशाही अच्छी होती है .....................................इन्किलाब जिंदाबाद
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